Thursday, March 5, 2020

Sajgta---सजगता


  ::  सजगता  ::


श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी समझाते  है.... .

मनु ने कहा है की ब्रह्म-मुहूर्त में जागना चाहिये तथा  उस समय धर्म , अर्थ तथा शास्त्र  के तत्व का चिंतन करना चाहिये !

श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी समझाते  है  ::  सजगता  ::

श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी समझाते  है  ::  सजगता  :: 




प्रातः  कल उठना उपयोगी  होता है ! ब्रह्म-मुहूर्त  में साधना करने से अधिक लाभ होता है, क्योंकि  उस समय बाहर के विक्षेप नहीं  होते  है तथा प्रकृति भी शान्त होती है अर्थात  वातावरण में विक्षेप  नहीं होता है !  आकाश   में मानस तरंग भी चलती है, जो वातावरण  को खराब  करती है, किन्तु  प्रातःकाल अच्छे  तरंगों को रोकने वाले तरंग कम  होते है ! उस समय सारे  बुरे  तरंग शान्त  होते  है ! इसीलिये प्रातःकाल  साधन के  लिये   बहुत  लाभकारी  है ! दिव्य-लोक के नाद भी अवतरित होते है ! यह प्रातः समय ही सुनाई  देते  है, कोलाहल  के समय नहीं !  उनको  सुनने  से  बड़ा  हर्ष  होता है ! उनसे  मन  स्थिर  हो जाता है, आत्मा जग जाता है !

साधना के लिये  श्रम  करना  चाहिये !  अन्ततः  हम अन्य  बातों  के  लिए  भी  श्रम  करते  है !

साधना सत्संग होशियारपुर
दिनांक  :  05-12-1950.


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