धर्म
मनुष्य के जीवन का बहुत भाग आलस्य में व्यतीत होता है ! अतः हर समय धर्म का पालन करने को तैयार रहना चाहिये ! आत्मा का उत्थान करना चाहो, तो कार्य करने को तैयार रहो ! कोई काम कल को नहीं छोड़ रखना चाहिये ! एक पल कि किसी को खबर नहीं, तो कल कि क्या मालूम ? ' काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ' ! कच्चा मन आगे करने को टाल-टूल का संकल्प करता है ! कच्चा मन समय टालता है ! अच्छे कामों में देर नहीं करना, हिचकना नहीं ! जो वचन दिया उसका पालन करना, उसे करना ! वाणी का पालन करने से वाणी बलवती होती है !
मनुष्य को चैतन्य रहना चाहिये ! सत्संग में जाकर समझने कि चेष्टा करनी चाहिये | यही एक रहस्य है, उन्नति है !
श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज जी के श्री प्रवचन पियूष जी से
Pravachan Piyush, प्रवचन पियूष
No comments:
Post a Comment
Please, Write your valuable comments..