Wednesday, November 24, 2021

सजगता-Sajagta-Pravachan-Piyush-ji

 सजगता 


मनु ने कहा है कि ब्रम्ह-मुहूर्त में जागना चाहिये तथा उस समय धर्म, अर्थ तथा शास्त्र के तत्त्व का चिंतन करना चाहिये !


प्रातः काल उठना उपयोगी होता है ! ब्रम्ह-मुहूर्त में साधना करने से अधिक लाभ होता है, क्योंकि उस समय बाहर के विक्षेप नहीं होते तथा प्रकृति भी शांत होती है अर्थात वातावरण में विक्षेप नहीं होता ! आकाश में मानस-तरंग भी चलती है, जो वातावरण को खराब करती है, किन्तु प्रातःकाल अच्छे तरंगो को रोकने वाले तरंग कम होते है ! उस समय सारे बुरे तरंग शांत होते है ! इसलिये प्रातःकाल साधन के लिये बहुत लाभकारी है ! दिव्या-लोकों के नाद भी अवतरित होते है ! यह प्रातः समय ही सुनाई देते है, कोलाहल के समय नहीं ! उनको सुनने से बड़ा हर्ष होता है ! उनसे मन स्थिर हो जाता है, आत्मा जग जाता है !


साधना के लिये श्रम करना चाहिये ! अन्तः हम अन्य बातों के लिये भी श्रम करते है !


श्री स्वामी सत्यानंद जी महाराज जी के श्री प्रवचन पियूष जी से 

सप्रेम राम राम जी 


प्रवचन पियूष जी Page No.: 380

Pravachan Piyush ji Page No.: 380

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