Thursday, October 1, 2020

Shree Swami Satyanand ji ke Hand Writing श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी की लिखावट

Shree Swami Satyanand ji ke Hand Writing  श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी  की लिखावट
Shree Swami Satyanand ji ke Hand Writing  श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी  की लिखावट 





सप्रेम राम राम  जी !


Shree Swami Satyanand ji ke Photo श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी के फोटो

श्री स्वामी जी महाराज जी की बैकुंठी  यात्रा 





श्री स्वामी जी महाराज जी 






श्री स्वामी जी महाराज जी के पादुका 



सप्रेम  राम राम  जी 

Swami Shree Satyanandji Maharaji as Jain Yati, श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी जैन समाज में यति थे की तस्वीर फोटो

श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी जब  जैन समाज में यति थे  तब की तस्वीर  है
श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी जब  जैन समाज में यति थे  तब की तस्वीर  है !

 



सप्रेम राम राम जी !

Tuesday, September 29, 2020

Swami Shree Satyanandji Maharaji In Arya Samaj , श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी आर्य समाज की तस्वीर फोटो




Swam Shree Satyanandji  Maharaji In Arya Samaj ,

 श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी आर्य समाज की तस्वीर फोटो 





श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी आर्य समाज की तस्वीर फोटो

ऊपर दिखाई  दे रही तस्वीर  श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराजी की है जब स्वामीजी महाराज आर्य समाज में थे!




सप्रेम राम राम जी !!!!!


Thursday, March 5, 2020

Unnati Ka Rahsya




:: उन्नति का रहस्य   ::


मनुष्य  के जीवन का बहुत  भाग आलस्य में व्यतीत होता है ! अत: हर समय धर्म का पालन करने को तैयार  रहना  चाहिये  ! आत्मा का उत्थान  करना चाहो, तो कार्य  करने को तैयार  रहो ! कोई  काम  कल को नहीं छोड़  रखना चाहिये  ! एक  पल  की  किसी  को  खबर  नहीं, तो कल की क्या मालूम  ?  'काल करें  सो आज कर, आज करें  सो अब ' !  कच्चा  मन आगे करने की टाल-टूल का संकल्प  करता है ! कच्चा मन समय टालता है !  अच्छे कामों  में देर  नहीं करना, हिचकना  नहीं ! जो वचन दिया  उसका पालन करना, उसे करना ! वाणी का पालन करने से वाणी बलवती होती है !


unnati ka rahsya, Amritwani Satsang, Malad, Mumbai

उन्नति का रहस्य 


मनुष्य  को  चैतन्य  रहना  चाहिये !  संत्संग  में  जाकर  समझने  की चेष्टा  करनी चाहिये !   यही  एक रहस्य  है ,  उन्नति  है !

साधना सत्संग, दिल्ली ,
दिनांक : 03-04-1955
समय रात्रि  9:00  बजे



Sajgta---सजगता


  ::  सजगता  ::


श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी समझाते  है.... .

मनु ने कहा है की ब्रह्म-मुहूर्त में जागना चाहिये तथा  उस समय धर्म , अर्थ तथा शास्त्र  के तत्व का चिंतन करना चाहिये !

श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी समझाते  है  ::  सजगता  ::

श्री स्वामी सत्यानंदजी महाराज जी समझाते  है  ::  सजगता  :: 




प्रातः  कल उठना उपयोगी  होता है ! ब्रह्म-मुहूर्त  में साधना करने से अधिक लाभ होता है, क्योंकि  उस समय बाहर के विक्षेप नहीं  होते  है तथा प्रकृति भी शान्त होती है अर्थात  वातावरण में विक्षेप  नहीं होता है !  आकाश   में मानस तरंग भी चलती है, जो वातावरण  को खराब  करती है, किन्तु  प्रातःकाल अच्छे  तरंगों को रोकने वाले तरंग कम  होते है ! उस समय सारे  बुरे  तरंग शान्त  होते  है ! इसीलिये प्रातःकाल  साधन के  लिये   बहुत  लाभकारी  है ! दिव्य-लोक के नाद भी अवतरित होते है ! यह प्रातः समय ही सुनाई  देते  है, कोलाहल  के समय नहीं !  उनको  सुनने  से  बड़ा  हर्ष  होता है ! उनसे  मन  स्थिर  हो जाता है, आत्मा जग जाता है !

साधना के लिये  श्रम  करना  चाहिये !  अन्ततः  हम अन्य  बातों  के  लिए  भी  श्रम  करते  है !

साधना सत्संग होशियारपुर
दिनांक  :  05-12-1950.


Friday, January 17, 2020

Braham Muhurat Mein Sadhana--ब्रहम मुहूर्त में साधना

ब्रहम मुहूर्त  में साधना 

जिन्हे बहुत लगन हो और जो अपने में कोई परिवर्तन करना चाहे, उन्हें चाहिये कि वे ब्रहम  मुहूर्त  में उठकर  साधन करे ! वह समय बड़ा उत्तम होता है ! आधी रात के बाद का समय सारा ही बड़ा उत्तम होता है !

जप बहुत  करना चाहिये ! अंतः करण  के पुराने संस्कार  जप से निकलते  है ! जिस प्रकार जब तक कोई चीज पहले  खाली  न  कर ली जाए ,  तब तक उसमें  कोई नई  चीज नहीं भरी जा सकती ! इसी  प्रकार पहले  मन  को अहंभाव से खाली  करना चाहिये , उसमें  राम  बसेगा !
Braham Muhurat Mein Sadhana--ब्रहम मुहूर्त  में साधना
Braham Muhurat Mein Sadhana--ब्रहम मुहूर्त  में साधना 

साइको-एनालिसिस   (Psycho - analysis)  एक चिकित्सा  है ! इसमें  रोगी को लिटा  देते है और उसको  कहते  है कि  " तू बोलता  जा, बोलता  जा " ! पहले  रोगी झिझकता  है, पुनः  झिझक  जाता है, पर फिर बोलने लग जाता है ! अपने जो पाप-ताप उसने  अपने मित्रो से छिपाकर  रखे होते है, वे भी उसके मुँह  से विवश  निकल जाते है !  उन्हीं  विचारों  से डॉक्टर लोग, उसकी बिमारी  का कारण ताक  लेते  है ! उन विचारों  के निकल जाने से रोगी अच्छा हो जाता  है !

जो डॉक्टर  बनता है , उसको भी पहले ऐसे ही लेटना  पड़ता  है और बोलना पड़ता है ! जब उसके अपने सब विचार निकल जाते है और अन्त:करण निर्मल हो जाता है, तब वह डॉक्टर बनने  के योग्य होता है ! राम नाम के जपने से भी ऐसे  ही कुसंस्कार  बाहर  निकलते  है और उनके निकल जाने पर अन्त  में ह्रदय   निर्मल  हो  जाता है !



प्रवचन पियूष  - Pravchan Piyush
प्रवचन पियूष  - Pravchan Piyush

साधक को धैर्य  से जप करते  रहना चाहिये | यह नहीं समझना  चाहिये  की मुझ में यह विचार  पैदा होते है और मेरा मन नहीं लगा, अपितु  यह समझना चाहिये की यह हमारे  कुसंस्कार  निकल रहे है ! जिस प्रकार बच्चे  को अपनी माँ पर निर्भरता होती है, उसी प्रकार साधक को अपने पंथ - प्रदर्शक  तथा  साधन पर निर्भरता होनी चाहिये  ! बच्चे को संशय-वृत्ति  नहीं  होती !


Braham Muhurat Mein Sadhana--ब्रहम मुहूर्त  में साधना , अमृतवाणी  सत्संग मलाड ईस्ट , श्री राम शरणम् मलाड ईस्ट , Amritwani Satsang Malad East, Shree Ram Sharnam Malad East,
Braham Muhurat Mein Sadhana--ब्रहम मुहूर्त  में साधना , अमृतवाणी  सत्संग मलाड ईस्ट , श्री राम शरणम् मलाड ईस्ट , Amritwani Satsang Malad East, Shree Ram Sharnam Malad East,


इसी  प्रकार साधक में निर्भरा-भक्ति  होनी चाहिये ! यह आ जाने पर फिर भगवान को स्वयं साधक की चिन्ता हो जाती  है ! संसार में तूफान आते रहते है, पर जब नाम के जहाज  में बैठ  गए, तो तूफान  से नहीं डरना चाहिये ! उस पर भरोसा  करना चाहिये नाम की चिकित्सा बड़ी ऊंची चिकित्सा है ! देर लग जाए तो घबराना नहीं चाहिये और यह भावना दृढ़ होनी चाहिये की अब नामी को हमारी  चिन्ता  है, हमें  कोई चिन्ता  नहीं !


Ram Ram ji

राम राम जी 

Sadhana Kaise Ki Jaati Hai.

साधना  कैसे की जाती  है ! 
ब्रहम मुहूर्त साधना कैसे की जानी चाहिये !

Braham Muhurat Mein Sadhana Karne ki Vidhi.
Braham Muhurat Sadhana Kaise Ki Jaani Chaahiye.