उपासक का विचार
उपासक का विहार निर्मल हो और उस के मन में भगवान के होने का पूरा निश्चय हो ! वह मंत्र का जाप करते हुए चलते फिरते, काम काज में, दिन में कई बार स्मरण करे की नाम की मंत्र का अधिष्ठाता, परम पुरुष, मेरे समीप है! मैं अकेला नहीं हूँ ! मेरा आराध्य देव मेरे अंग संग है और मेरी सहायता और मेरा सरंक्षण करता है !
Shree Swami Satyanand ji Maharaj ji