Guru Mahima गुरु महिमा
सद्गुरु आप समर्थ है, सन-मार्ग के बीच |
बचा कर मिथ्या से मुझे, हरे भाव सब नीच ||
सद्गुरु की महिमा बड़ी, विरला जाने भेद |
भारे भव भय को हरे, और पाप के खेद ||
सद्गुरु जी की शरण में, मनन ज्ञान का कोष |
जप तप ध्यान उपासना, मिले शील संतोष ||
गुरु को करिए वन्दना, भाव से बारम्बार |
नाम से सुनौका से किया, जिस ने भव से पार ||
नाम रूप जिस का नहीं, है उस के सब नाम |
भेद सुगुरु से पाइए, ओंकार है राम ||
सद्गुरु चन्दन सम कहा, भगवद-प्रेम सुवास |
निश दिन दान करे उसे, जो जान आवे पास ||
Guru Mahima,गुरु महिमा, Swami Satyanand ji maharaj |
गुरु संगति में बैठिए, सीखिए भक्ति भेद |
सुनिए ज्ञान विचार को, पुस्तक दर्शन भेद |
लोभी दम्भी गुरु घने, मठधारी अनजान |
गद्दी की रद्दी है घने, उन में सार न मान ||
सुगुरु से यहाँ समझिए, ज्ञानी अनुभववान |
बोधक धर्म सुकर्म का, दाता ज्ञान सुध्यान ||
सतगुरु की पहचान यह, उपरति प्रेम विचार |
वीत-रागता सुजनता, रहित हठ पक्ष विकार ||
ऐसा गुरुवर जानिए, जंगम तीर्थ राज |
ध्यान ज्ञान हरी नाम से, सफल करे सब काज ||
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